Thursday, April 1, 2010

Nirantar

निरंतर.
विवाह से अब तक, हर दिन,हर रात निरंतर...............
मेरा मन न जाने क्या चाहे;
जो चाहे पूरा हो न पाए;
आशाओ का टूट जाना ही;
आँखों के सहारे झर-झर बहता जाए;
........................................शायद
यही है विवाहित जीवन
२००८
............................शालिनीअगम
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3 comments:

  1. paani ki tarah nirantar behte rehna,hawaan ki tarah bagiya mein nirantar behte rehna,nirantar chalna,kabhi mat rukna,nirantar rahegi gati meri, bas yahi nirantar kehte rehna..

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